“ परीक्षा में फेल ?” जाने असफलता की अहमियत

Spread the love

IMPORTANCE OF FAILURE

क्या आप अपने जिन्दगी में हार का सामना कर रहे हो? क्या आप असफल हो गए? क्या आप निराश हो? मेरा यह आप बीती आपको जरूर उत्साहित करेगा। आप फिर से आगे बढ़ने की प्रेरणा पाओगे।

मेरी जिन्दगी का सफर में कई दफा हार का वक्त भी आया। बचपन से ही आर्थिक तंगी का मार झेला। शिक्षा के मामले में, लगभग पाँच वर्ष बर्बाद हो चुका था। मैं कॉलेज की पढ़ाई में दो बार फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ने का निर्णय ले चुका था। मेरे हमउम्र के दोस्त भी मुझ से आगे निकल चुके थे। निराशा के रेगिस्तान से होकर गुजर रहा था। हीन भावना से ग्रसित था। चौंक गए? यही सच है।

लेकिन आज जब मैं अपना जीवन देखता हूँ तो खुद को संतुष्ट पाता हूँ। आज मुझे मेरा अतीत में हुए नुकसान का ग़म नहीं है। आज बहुत से लोग मेरे द्वारा अशीष पाए और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हुआ। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा कैसे हुआ? चलिए आज मैं आपको अपनी आप बीती बताता हूँ।

“मेरी चिंता यह नहीं है कि आप विफल हो गए, बल्कि यह है कि कहीं आप अपनी विफलता से संतुष्ट तो नहीं है।“ – अब्राहम लिंकन

दरअसल बात 2005 की है। मैं B.A की पढ़ाई के लिए एक सरकारी कॉलेज में दाखिला लेने गया। मेरे फ़्रेंड्स ने अर्थशास्त्र लिया तो मैंने भी उनको देख कर वही विषय ले लिया। उस समय मुझे उतनी समझ नहीं थी और कोई मार्गदर्शन देने वाला भी नहीं था। मैं एक गाँव में बच्चों और जवानों के बीच सेवा किया करता था। मैंने खुद को काम में काफी व्यस्त कर लिया। मुझे अपना कॉलेज की पढ़ाई के लिए समय भी नहीं मिलता था। ऐसा कहना उचित होगा- मुझे कॉलेज की पढ़ाई में उतना रुचि नहीं था। केवल परीक्षा देने के लिए कॉलेज जाया करता था। इन्हीं सब कारणों से मैं दो बार फेल हो गया। मेरा दो साल बर्बाद हो गया। उन दिनों मेरा कॉलेज में सेमेस्टर सिस्टम नहीं था।

2007 में मैं सेवा का काम छोड़ कर गाँव से वापस अपना घर आया। अब मेरा पास कोई भी नौकरी नहीं था। घर से ताना मिलता रहता था कि कुछ काम-धाम किया करूँ। निराशा के बवंडर में खुद को फंसा हुआ महसूस करने लगा। समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बाहर निकलूँ या क्या करूँ। लेकिन तब भी मैं परमेश्वर का काम किया करता था।

फिर मैं एक छात्र के रूप में EU (Evangelical Union) संस्था से जुड़ गया। यहाँ मुझे एक आशा की किरण नजर आई। मैं साप्ताहिक बाईबल अध्ययन में हिस्सा लेने लगा। यहाँ मैं काफी कुछ सीखने लगा- प्रतिदिन बाईबल मनन करने का तरीका, मसीही सिद्धांत और कार्यक्रम आयोजन का तरीका इत्यादि। EU में मुझे फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए उत्साहित किया गया। तब मैं ने किसी दूसरा सरकारी कॉलेज में दाखिला लिया। मुझे पढ़ाई करने का तरीका सिखाया गया। मैंने भी कठिन परिश्रम किया। अंत में मैंने अपनी स्नातक की पढ़ाई 2011 में पूरी कर ली। उसके बाद मैं आज तक कभी फेल नहीं हुआ।

संघर्ष में भी सीखते रहना

असफलता जिन्दगी का सफर में एक छोटा सा ठहराव है। हर कोई उससे गुजरता है। भाग्यशाली है वो इंसान जो उस ठहराव में कुछ सीख लेकर आगे बढ़ते जाता है। पवित्रशास्त्र में भी कई ऐसे लोगों का जिक्र है जिन्होंने हार का सामना किया। कुछ ऐसे भी हुए जो कठिन संघर्ष से होकर गुजरे। जैसे – चरवाहा दाऊद राजा बना लेकिन ब्याहविचार पाप में गिरा। फिर उठा। पश्चाताप किया और पराक्रमी राजा के रूप में उसका नाम प्रसिद्ध हुआ। यूसुफ अपने भाइयों से धोखा खाया। पोतिफर के घर में गुलाम के रूप में काम किया। कुछ ऐसा हुआ कि उसे जेल जाना पड़ा। अकेलेपन से गुजरा। संघर्ष किया। लेकिन एक दिन मिस्त्र देश का महान मंत्री बना। आप का भी अच्छा समय आएगा।

आपके लिए कुछ 10 सुझाव

  1. दोस्तों, अगर आप जिन्दगी में असफल हो गए हो तो घबराए नहीं… अच्छे दिन जरूर आएंगे।
  2. परमेश्वर अब भी आपके जीवन में कार्य कर रहा है। उस पर अटूट भरोसा रखे।
  3. आपने जीवन के संघर्ष से क्या-क्या सीखा? जरा सोचे और परमेश्वर की तारीफ करे।
  4. किसी मसीही संगति से जुड़ जाए। अगर आप कॉलेज के छात्र हो तो UESI संस्था से जुड़ जाए।
  5. हर दिन कुछ नया सीखने की चाह रखे और जो कुछ भी सीखे, उसे नोटबुक में लिख लें।
  6. सपना देखे। उस सपना को पूरा करने के लिए योजना बनाए।
  7. बड़ी योजना को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँट कर निरंतर उस काम करते रहे।
  8. ऐसे लोगों से अधिक समय बिताए जो आपको उत्साहित करते हैं।
  9. कोई मेन्टर चुने ताकि आपको आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन मिलता रहे।
  10. प्रेरणा पाने के लिए बाईबल पढ़े और जीवन में बदलाव के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करे।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
Hello!
हम आपकी क्या मदद कर सकते हैं?