यीशु मसीह ईसाइयों का परमेश्वर नहीं हैं किन्तु वह सारे जीवित और मृत मानव और सृष्टि का परमेश्वर है। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि यीशु मसीह कौन है? Who is Jesus? यीशु कौन है? यीशु भगवान है?

यीशु कौन है? यीशु का जन्म
प्रभु यीशु के जन्म की भविष्यवाणी मानव जाति का पाप में पतन के बाद से ही हो चुकी थी। उसी भविष्यवाणी के अनुसार प्रभु यीशु जगत को पापों से मुक्ति एवं शांति देने के लिए देहधारण किए। जिसने मानव रूप में आज से लगभग 2020 साल पहले बेथलहम (इस्राइल) में जन्म लिया। परमेश्वर ने कुंवारी मरियम के ऊपर अपना अनुग्रह किया। मरियम पवित्रात्मा के सामर्थ्य से गर्भवती हुई। उसका विवाह दाऊद राजा के वंश का एक व्यक्ति यूसुफ नामक बढ़ई से हुआ। फिर बालक यीशु का जन्म साधारण रूप से बेथलहम के एक पशुघर, में हुआ। ऐतिहासिक रूप से यीशु के जन्म के बाद तारीख दो भाग में विभाजित हुआ – ईसा पूर्व और ईसवी सन (BC & AD)।
यीशु मसीह के कार्य और जीवन
यीशु लगभग साढ़े तैतीस वर्ष पृथ्वी पर रहे। वह एक ही समय में शत प्रतिशत मनुष्य और शत प्रतिशत परमेश्वर भी थे। उसने तीस वर्ष की आयु में यूहन्ना नामक परमेश्वर का नबी से यरदन नदी में बपतिस्मा लिया। उसके बाद उसने सार्वजनिक रूप से सेवकाई आरंभ किया। लोगों को उपदेश दिया – “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।“ बारह शिष्यों को चुना और अपने साथ लगभग साढ़े तीन वर्ष रखा । उसने रोगियों को चंगा किया। मुरदों को जिंदा किया। पानी पर चला। आँधी-तूफान को शांत किया। कई चमत्कार किया। हजारों लोगों ने उस पर विश्वास किया। कुछ धार्मिक अगुओं ने यीशु को षड्यन्त्र रच कर पकड़ा। उस पर मुकदमा चलाया गया। पिलातूस न्यायाधीश ने उसे निर्दोष पाया। फिर भी लोगों के दबाव में उसे एक अपराधी की तरह मृत्यु दंड दिया गया। उसने मनुष्य के पापों के बलिदान के रूप में अपना जान क्रूस पर दिया। मर गया। । कब्र में गाड़ा गया । तीसरे दिन मृतकों में से जी उठा । लगभग 40 दिन तक चेलों को दिखाई देते रहा। कई तरह से खुद को जीवित प्रमाणित किया। उसके बाद लगभग 500 लोगों के देखते स्वर्ग पर उठा लिया गया। प्रभु यीशु राजा के रूप में दोबारा आएगा ताकि सारे जगत का उनके कामों के अनुसार न्याय करे। यीशु सारे मनुष्यों का परमेश्वर, उद्धारकर्ता और प्रभु है।
क्या यीशु भगवान है? उद्धारकर्ता
क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो परंतु अनंत जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसीलिए नहीं भेजा कि जगत पर दंड की आज्ञा दें परंतु इसीलिए भेजा कि आप यीशु पर विश्वास कर के शाश्वत जीवन पाए। जो उस पर विश्वास नहीं करता वह दोषी ठहराया जाएगा और उसे नरक का दंड मिलेगा। आइए हम अपने पापों से माफी माँगे और यीशु को सच्चा परमेश्वर और पापों से छुड़ाने वाला उद्धारकर्ता के रूप में उसे ग्रहण करे। आइए आज उसे अपना जीवन सौंप दे।
Jay mashi ki 🤝
Bijay me Prabhu Ka seva karta hun sound system and visit and Sunday school leta Hun🙂
Jay Masih ki
Main Vijay Prabhu Ka seva karta hun sound system and visit and Sunday school bhi leta hoon
Mujhe apka page acha lga
Please give me the bible study